नीला आसमान
मेरी बच्ची ने मुझ से कल पूछा
बाबा ये आसमाँ है नीला क्यूँ
मैं ने सोचा पर उस से कह न सका
ये सवाल उस के दिल में आया क्यूँ
क्यूँ ये बातें हैं इतनी दिल-आवेज़
है ये अंदाज़ इतना प्यारा क्यूँ
क्यूँ हैं लब पर ये इतने सारे सवाल
है तबस्सुम ये फूल जैसा क्यूँ
मेरे दिल में उधेड़-बुन क्या है
मैं सितारों से जा के उलझा क्यूँ
सितम-अंगेज़ ज़िंदगी दिल-कश
फिर ये अंजाम-ए-कार मरना क्यूँ
मैं ने ये क्या जवाब सोचा है
तुम ने ऐसा सवाल पूछा क्यूँ
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