बे-महल है गुफ़्तुगू हैं बे-असर अशआर अभी

बे-महल है गुफ़्तुगू हैं बे-असर अशआर अभी

ज़िंदगी बे-लुत्फ़ है ना-पुख़्ता हैं अफ़्कार अभी

पूछते रहते हैं ग़ैरों से अभी तक मेरा हाल

आप तक पहुँचे नहीं शायद मिरे अशआर अभी

ज़िंदगी गुज़री अभी इस आग के गिर्दाब में

दिल से क्यूँ जाने लगी हिर्स-ए-लब-ओ-रुख़्सार अभी

हाँ ये सच है सर-ब-सर खोए गए हैं अक़्ल-ओ-होश

दिल में धड़कन है अभी दिल तो है ख़ुद-मुख़्तार अभी

क्यूँ न कर लूँ और अभी सैर-ए-बहार-लाला-ज़ार

मैं नहीं महसूस करता हूँ नहीफ़-ओ-ज़ार अभी

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