Baarish Poetry of Habib Jalib
नाम | हबीब जालिब |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Habib Jalib |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
आने वाली बरखा देखें क्या दिखलाए आँखों को
ज़ुल्मत को ज़िया सरसर को सबा बंदे को ख़ुदा क्या लिखना
जम्हूरियत
बगिया लहूलुहान
कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ
कौन बताए कौन सुझाए कौन से देस सिधार गए
हम ने सुना था सहन-ए-चमन में कैफ़ के बादल छाए हैं
हम आवारा गाँव गाँव बस्ती बस्ती फिरने वाले
दिल वालो क्यूँ दिल सी दौलत यूँ बे-कार लुटाते हो