तुझे पाया कि तुझ को खो दिया है
ये अक्सर सोच कर दिल रो दिया है
हमारा दाग़-ए-दिल जाए न जाए
तिरा दामन तो हम ने धो दिया है
Faiz Ahmad Faiz
Anwar Masood
Parveen Shakir
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Javed Akhtar
Rahat Indori
Mir Taqi Mir
Gulzar
Jaun Eliya
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दिल पर जो ज़ख़्म हैं वो दिखाएँ किसी को क्या
बड़े बने थे 'जालिब' साहब पिटे सड़क के बीच
नन्ही जा सो जा
कराहते हुए इंसान की सदा हम हैं
नित-नए शहर नित-नई दुनिया
'लता'
क्या क्या लोग गुज़र जाते हैं रंग-बिरंगी कारों में
तेरी आँखों का अजब तुर्फ़ा समाँ देखा है
सब्ज़ा-ज़ारों में गुज़र था अपना
मावरा-ए-जहाँ से आए हैं
हम ने सुना था सहन-ए-चमन में कैफ़ के बादल छाए हैं
जागने वालो ता-ब-सहर ख़ामोश रहो