इक तिरी याद से इक तेरे तसव्वुर से हमें
आ गए याद कई नाम हसीनाओं के
Habib Jalib
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Rahat Indori
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Gulzar
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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कुछ लोग ख़यालों से चले जाएँ तो सोएँ
लाख कहते रहें ज़ुल्मत को न ज़ुल्मत लिखना
छोड़ इस बात को ऐ दोस्त कि तुझ से पहले
हम ने सुना था सहन-ए-चमन में कैफ़ के बादल छाए हैं
ख़ुदा हमारा है
इस शहर-ए-ख़राबी में ग़म-ए-इश्क़ के मारे
तुझे पाया कि तुझ को खो दिया है
हम आवारा गाँव गाँव बस्ती बस्ती फिरने वाले
दास्तान-ए-दिल-ए-दो-नीम
सच ही लिखते जाना
फिर दिल से आ रही है सदा उस गली में चल
गुलशन की फ़ज़ा धुआँ धुआँ है