हबीब जालिब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का हबीब जालिब
नाम | हबीब जालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Habib Jalib |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
भए कबीर उदास
रोए भगत कबीर
सलाम लोगो
14-अगस्त
बटे रहोगे तो अपना यूँही बहेगा लहू
अफ़्सोस तुम्हें कार के शीशे का हुआ है
एक याद
जवाँ आग
मल्का-ए-तरन्नुम नूर-ए-जहाँ की नज़्र
ज़ाबता
ज़ुल्फ़ की बात किए जाते हैं
तुझे पाया कि तुझ को खो दिया है
तेरी बस्ती में जिधर से गुज़रे
सो गए अंजुम-ए-शब याद न आ
सब्ज़ा-ज़ारों में गुज़र था अपना
रंग ओ बू-ए-गुलाब कह लूँगा
नित-नए शहर नित-नई दुनिया
मुद्दतें हो गईं ख़ता करते
मिरी निगाह से वो देखते रहे हैं मुझे
कूचा-ए-सुब्ह में जा पहुँचे हम
जहाँ आसाँ था दिन को रात करना
ग़म के साँचे में ढल सको तो चलो
डूब जाएगा आज भी ख़ुर्शीद
दोस्तो मशवरे न दो हम को
दियार-ए-सब्ज़ा ओ गुल से निकल कर
अश्क आँखों में अब हैं आए से
अभी ऐ दोस्त ज़ौक़-ए-शाएरी है वज्ह-ए-रुस्वाई
ये और बात तेरी गली में न आएँ हम
उस सितमगर की हक़ीक़त हम पे ज़ाहिर हो गई
उन के आने के बाद भी 'जालिब'