Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_09b8d24feb2ee2a69b0aa142e6362b87, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
Habeeb Musvi Sad In Hindi - Best Sad Of Habeeb Musvi Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Sad Poetry of Habeeb Musvi

Sad Poetry of Habeeb Musvi
नामहबीब मूसवी
अंग्रेज़ी नामHabeeb Musvi

यूँ आती हैं अब मेरे तनफ़्फ़ुस की सदाएँ

क्या हुआ वीराँ किया गर मोहतसिब ने मय-कदा

दश्त-ओ-सहरा में हसीं फिरते हैं घबराए हुए

वो यूँ शक्ल-ए-तर्ज़-ए-बयाँ खींचते हैं

वो उट्ठे हैं तेवर बदलते हुए

उस से क्या छुप सके बनाई बात

शराब पी जान तन में आई अलम से था दिल कबाब कैसा

शब को नाला जो मिरा ता-ब-फ़लक जाता है

शब कि मुतरिब था शराब-ए-नाब थी पैमाना था

सब में हूँ फिर किसी से सरोकार भी नहीं

रोना इन का काम है हर दम जल जल कर मर जाना भी

मेहर-ओ-उल्फ़त से मआल-ए-तहज़ीब

लैस हो कर जो मिरा तर्क-ए-जफ़ा-कार चले

कोई बात ऐसी आज ऐ मेरी गुल-रुख़्सार बन जाए

जबीन पर क्यूँ शिकन है ऐ जान मुँह है ग़ुस्से से लाल कैसा

जब शाम हुई दिल घबराया लोग उठ के बराए सैर चले

हुए ख़ल्क़ जब से जहाँ में हम हवस-ए-नज़ारा-ए-यार है

है नौ-जवानी में ज़ोफ़-ए-पीरी बदन में रअशा कमर में ख़म है

है आठ पहर तू जल्वा-नुमा तिमसाल-ए-नज़र है परतव-ए-रुख़

फ़िराक़ में दम उलझ रहा है ख़याल-ए-गेसू में जांकनी है

फ़लक की गर्दिशें ऐसी नहीं जिन में क़दम ठहरे

दाग़-ए-दिल हैं ग़ैरत-ए-सद-लाला-ज़ार अब के बरस

भला हो जिस काम में किसी का तो उस में वक़्फ़ा न कीजिएगा

बना के आईना-ए-तसव्वुर जहाँ दिल-ए-दाग़-दार देखा

बढ़ा दी इक नज़र में तू ने क्या तौक़ीर पत्थर की

अक़्ल पर पत्थर पड़े उल्फ़त में दीवाना हुआ

हबीब मूसवी Sad Poetry in Hindi - Read famous Sad Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by हबीब मूसवी. Largest collection of Sad Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by हबीब मूसवी. Share the हबीब मूसवी Sad Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.