बुतान-ए-सर्व-क़ामत की मोहब्बत में न फल पाया
बुतान-ए-सर्व-क़ामत की मोहब्बत में न फल पाया
रियाज़त जिन पे की बरसों वो नख़्ल-ए-बे-समर निकले
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बुतान-ए-सर्व-क़ामत की मोहब्बत में न फल पाया
रियाज़त जिन पे की बरसों वो नख़्ल-ए-बे-समर निकले
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