Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_33675d1e06f361000290e8bde48fedd0, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
क़त्अ होता रहे इस तरह बयान-ए-वाइज़ - हबीब मूसवी कविता - Darsaal

क़त्अ होता रहे इस तरह बयान-ए-वाइज़

क़त्अ होता रहे इस तरह बयान-ए-वाइज़

एक ही बात में हो बंद ज़बान-ए-वाइज़

तुरफ़ा-आफ़त में फँसी आती है जान-ए-वाइज़

कौन मय-ख़ाना में था मर्तबा-दान-ए-वाइज़

क्यूँ न मीना-ए-मय-ए-नाब पटक दूँ सर पर

ऐश जब तल्ख़ हो सुन सुन के बयान-ए-वाइज़

इस तरह पंद-ओ-नसीहत की उठाई तम्हीद

आज साक़ी पे हुआ मुझ को गुमान-ए-वाइज़

तेज़ी-ए-बादा कुजा तल्ख़ी-ए-गुफ़्तार कुजा

कुंद है नश्तर-ए-साक़ी से सिनान-ए-वाइज़

फ़स्ल-ए-गुल आते ही मय-ख़ाना में इक भीड़ हुई

न सुनी एक भी रिंदों ने फ़ुग़ान-ए-वाइज़

फिर दर-ए-पीर-ए-ख़राबात पे बैठा है 'हबीब'

ये तो आया था अभी सुन के बयान-ए-वाइज़

(986) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz In Hindi By Famous Poet Habeeb Musvi. Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz is written by Habeeb Musvi. Complete Poem Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz in Hindi by Habeeb Musvi. Download free Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz Poem for Youth in PDF. Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz is a Poem on Inspiration for young students. Share Qata Hota Rahe Is Tarah Bayan-e-waiz with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.