Bewafa Poetry of Habeeb Musvi
नाम | हबीब मूसवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Habeeb Musvi |
कविताएं
Ghazal 30
Couplets 39
Love 35
Sad 26
Heart Broken 30
Bewafa 5
Hope 18
Friendship 13
Islamic 15
Sufi 3
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 5
बारिश 1
ख्वाब 14
Sharab 24
सब में हूँ फिर किसी से सरोकार भी नहीं
जबीन पर क्यूँ शिकन है ऐ जान मुँह है ग़ुस्से से लाल कैसा
हुए ख़ल्क़ जब से जहाँ में हम हवस-ए-नज़ारा-ए-यार है
है नौ-जवानी में ज़ोफ़-ए-पीरी बदन में रअशा कमर में ख़म है
फ़लक की गर्दिशें ऐसी नहीं जिन में क़दम ठहरे