लू हो सबा हो या पुर्वाई सब के साथ चलो

लू हो सबा हो या पुर्वाई सब के साथ चलो

सब हैं सैद-ए-रह-ए-तन्हाई सब के साथ चलो

मार-ए-आस्तीं हर हर दोस्त हो या फिर ऐसे नसीब

हाथ में हो वो दस्त-ए-हिनाई सब के साथ चलो

सर हुआ ऊँचा क़ल्ब कुशादा क्या कम है ये अता

संग मिलें या तम्ग़े तलाई सब के साथ चलो

हर हर साँस हवा अमृत रस में या डूबी बस में

वस्ल हो या आशोब-ए-जुदाई सब के साथ चलो

राह-ए-शौक़ में जाने कौन कहाँ थक कर रह जाए

फ़रज़ाने हों या सौदाई सब के साथ चलो

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