Hope Poetry of Habeeb Ahmad Siddiqui
नाम | हबीब अहमद सिद्दीक़ी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Habeeb Ahmad Siddiqui |
जन्म की तारीख | 1908 |
रानाई-ए-बहार पे थे सब फ़रेफ़्ता
निगाह-ए-लुत्फ़ को उल्फ़त-शिआर समझे थे
न हो कुछ और तो वो दिल अता हो
मुझ को एहसास-ए-रंग-ओ-बू न हुआ
मेरे लिए जीने का सहारा है अभी तक
इज़हार-ए-ग़म किया था ब-उम्मीद-ए-इल्तिफ़ात
है नवेद-ए-बहार हर लब पर
फ़ैज़-ए-अय्याम-ए-बहार अहल-ए-क़फ़स क्या जानें
अपने दामन में एक तार नहीं
आफ़ियत की उम्मीद क्या कि अभी
ये ग़म नहीं है कि अब आह-ए-ना-रसा भी नहीं
वो दर्द-ए-इश्क़ जिस को हासिल-ए-ईमाँ भी कहते हैं
नवेद-ए-आमद-ए-फ़स्ल-ए-बहार भी तो नहीं
न बेताबी न आशुफ़्ता-सरी है
मुझ को दिमाग़-ए-शेवन-ओ-आह-ओ-फ़ुग़ाँ नहीं
कुछ भी दुश्वार नहीं अज़्म-ए-जवाँ के आगे
ख़िज़ाँ-नसीब की हसरत ब-रू-ए-कार न हो
जबीं-ए-नवाज़ किसी की फ़ुसूँ-गरी क्यूँ है
फ़ैज़ पहुँचे हैं जो बहारों से