फ़ैज़ पहुँचे हैं जो बहारों से

फ़ैज़ पहुँचे हैं जो बहारों से

पूछते क्या हो दिल-निगारों से

आशियाँ तो जला मगर हम को

खेलना आ गया शरारों से

क्या हुआ ये कि ख़ूँ में डूबी हुई

लपटें आती हैं लाला-ज़ारों से

उन में होते हैं क़ाफ़िले पिन्हाँ

दिल-शिकस्ता न हो ग़ुबारों से

है यहाँ कोई हौसले वाला

कुछ पयाम आए हैं सितारों से

हम से मेहर-ओ-वफ़ा की बात करो

होश की बात होशयारों से

कू-ए-जानाँ हो दैर हो कि हरम

कब मफ़र है यहाँ सहारों से

(712) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se In Hindi By Famous Poet Habeeb Ahmad Siddiqui. Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se is written by Habeeb Ahmad Siddiqui. Complete Poem Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se in Hindi by Habeeb Ahmad Siddiqui. Download free Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se Poem for Youth in PDF. Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se is a Poem on Inspiration for young students. Share Faiz Pahunche Hain Jo Bahaaron Se with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.