दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है
किस की आहट सुनता हूँ वीराने में
Javed Akhtar
Mohsin Naqvi
Jaun Eliya
Habib Jalib
Rahat Indori
Wasi Shah
Anwar Masood
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Parveen Shakir
Allama Iqbal
Gulzar
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(2582) Peoples Rate This
वक़्त-2
अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार
अख़बार
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर
नज़्म
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई
ज़िंदगी पर भी कोई ज़ोर नहीं
ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
ख़ुद-कुशी
गो बरसती नहीं सदा आँखें
घुटन