Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_bcf2094abd420c4b8d778e94d984b85a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वो जो शाएर था - गुलज़ार कविता - Darsaal

वो जो शाएर था

वो जो शाएर था, चुप सा रहता था

बहकी बहकी सी बातें करता था

आँखें कानों पे रख के सुनता था

गूँगी ख़ामोशियों की आवाज़ें!

जम्अ करता था चाँद के साए

गीली गीली सी नूर की बूँदें

ओक में भर के खड़खड़ाता था

रूखे रूखे से रात के पत्ते

वक़्त के इस घनेरे जंगल में

कच्चे पक्के से लम्हे चुनता था

हाँ, वही, वो अजीब सा शाएर

रात को उठ के कुहनियों के बल

चाँद की ठोड़ी चूमा करता है!!

चाँद से गिर के मर गया है वो

लोग कहते हैं ख़ुद-कुशी की है

(3112) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo Jo Shaer Tha In Hindi By Famous Poet Gulzar. Wo Jo Shaer Tha is written by Gulzar. Complete Poem Wo Jo Shaer Tha in Hindi by Gulzar. Download free Wo Jo Shaer Tha Poem for Youth in PDF. Wo Jo Shaer Tha is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo Jo Shaer Tha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.