न साथ देगा कोई राह आश्ना मेरा

न साथ देगा कोई राह आश्ना मेरा

जुदा है सारे ज़माने से रास्ता मेरा

गुज़र के आई हूँ मैं ग़म के रेगज़ारों से

नज़र उदास है दिल है दुखा हुआ मेरा

न जाने किस लिए क़ातिल के अश्क भर आए

फ़राज़-ए-दार पे जब सामना हुआ मेरा

दयार-ए-जाँ में फ़रोज़ाँ रहेगी शम-ए-हयात

समझ लिया तिरी आँखों ने मुद्दआ मेरा

किया है पेश तुझे आँसुओं का नज़राना

हुजूम-ए-शाम-ए-अलम और दिल जला मेरा

वो सानेहा मिरे दिल पर गुज़र गया 'गुलनार'

हर एक हर्फ़-ए-दुआ बे-सदा हुआ मेरा

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Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera In Hindi By Famous Poet Gulnar Aafreen. Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera is written by Gulnar Aafreen. Complete Poem Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera in Hindi by Gulnar Aafreen. Download free Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera Poem for Youth in PDF. Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera is a Poem on Inspiration for young students. Share Na Sath Dega Koi Rah Aashna Mera with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.