Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_645a9954c7ef0fec7fd111d3e5ddba64, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हमारा नाम पुकारे हमारे घर आए - गुलनार आफ़रीन कविता - Darsaal

हमारा नाम पुकारे हमारे घर आए

हमारा नाम पुकारे हमारे घर आए

ये दिल तलाश में जिस की है वो नज़र आए

न जाने शहर-ए-निगाराँ पे क्या गुज़रती है

फ़ज़ा-ए-दश्त-ए-अलम कोई तो ख़बर आए

निशान भूल गई हूँ मैं राह-ए-मंज़िल का

ख़ुदा करे कि मुझे याद-ए-रहगुज़र आए

मैं आँधियों में भी फूलों के रंग पढ़ लूँगी

तिरे बदन की महक लौट कर अगर आए

ग़ुबार ग़म का दयार-ए-वफ़ा में उड़ता है

मगर ये अश्क बहुत काम चश्म-ए-तर आए

सफ़र का रंग हसीं क़ुर्बतों का हामिल हो

बहार बन के कोई अब तो हम-सफ़र आए

नई सहर का मैं 'गुलनार' इस्तिआरा हूँ

फ़ज़ा-ए-तीरा-शबी ख़त्म हो सहर आए

(986) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae In Hindi By Famous Poet Gulnar Aafreen. Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae is written by Gulnar Aafreen. Complete Poem Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae in Hindi by Gulnar Aafreen. Download free Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae Poem for Youth in PDF. Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae is a Poem on Inspiration for young students. Share Hamara Nam Pukare Hamare Ghar Aae with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.