Sharab Poetry of Gulam Yahya Huzur Azimabadi
नाम | ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Gulam Yahya Huzur Azimabadi |
कविताएं
Ghazal 21
Couplets 27
Love 20
Sad 14
Heart Broken 20
Bewafa 1
Hope 8
Friendship 13
Islamic 5
Sufi 1
ख्वाब 2
Sharab 6
यूँ तो दिल हर कदाम रखता है
ये दिल ही जल्वा-गाह है उस ख़ुश-ख़िराम का
महज़ूँ न हो 'हुज़ूर' अब आता है यार अपना
गुल-एज़ार और भी यूँ रखते हैं रंग और नमक
बा'द-ए-मकीं मकाँ का गर बाम रहा तो क्या हुआ
अश्क आँखों के अंदर न रहा है न रहेगा