Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e79e381efba82eb35a34a01653c124c4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
यूँ तो दिल हर कदाम रखता है - ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी कविता - Darsaal

यूँ तो दिल हर कदाम रखता है

यूँ तो दिल हर कदाम रखता है

अहल-ए-दिल होना काम रखता है

कब वो तम-ए-सलाम रखता है

मुझ सा लाखों ग़ुलाम रखता है

इशरत-ए-दो-जहाँ है उस के साथ

जो सुराही-ओ-जाम रखता है

है वही ख़ास बज़्म-ए-दुनिया में

जो मदारा-ए-आम रखता है

दीन-ओ-दुनिया का जो नहीं पाबंद

वो फ़राग़त तमाम रखता है

बुत-परस्तों को कुइ कहे है ज़ुबूँ

कुइ मुसलमाँ को नाम रखता है

हर कोई अपनी फ़हम-ए-नाक़िस में

पुख़्ता सौदा-ए-ख़ाम रखता है

जो किसू को बुरा कहे न 'हुज़ूर'

वही फ़हम-मंद नाम रखता है

(712) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai In Hindi By Famous Poet Gulam Yahya Huzur Azimabadi. Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai is written by Gulam Yahya Huzur Azimabadi. Complete Poem Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai in Hindi by Gulam Yahya Huzur Azimabadi. Download free Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai Poem for Youth in PDF. Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Yun To Dil Har Kadam Rakhta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.