Coupletss of Gulam Yahya Huzur Azimabadi
नाम | ग़ुलाम यहया हुज़ूर अज़ीमाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Gulam Yahya Huzur Azimabadi |
यार गर पूछे तो कीजे कुछ अर्ज़
तुझ बिन इक दल हो पास रहता है
शब-ए-हिज्र में एक दिन देखना
नाचार है दिल ज़ुल्फ़-ए-गिरह-गीर के आगे
करूँ क़त्-ए-उल्फ़त बुतों से व-लेकिन
कहूँ कि शैख़-ए-ज़माना हूँ लाफ़ तो ये है
कभी हाथ भी आएगा यार सच कह
कब इस जी की हालत कोई जानता है
जो जी चाहे है देखूँ माह-ए-नौ कहता है दिल मेरा
इश्क़ ने सामने होते ही जलाया दिल को
इश्क़ में ख़ूब नीं बहुत रोना
इश्क़ में दर्द से है हुर्मत-ए-दिल
हर कोई अपनी फ़हम-ए-नाक़िस में
हाजी तू तो राह को भूला मंज़िल को कोई पहुँचे है
हैं शैख़ ओ बरहमन तस्बीह और ज़ुन्नार के बंदे
है अफ़्सोस ऐ उम्र जाने का तेरे
ग़ैर वफ़ा में पुख़्ता हैं यूँ ही सही प मुझ सा भी
गर शैख़ अज़्म-ए-मंज़िल-ए-हक़ है तो आ इधर
दीन ओ दुनिया का जो नहीं पाबंद
देखना ज़ोर ही गाँठा है दिल-ए-यार से दिल
बहार इस धूम से आई गई उम्मीद जीने की
और रब्त जिसे कुफ़्र से है या'नी बरहमन
ऐ बहर न तू इतना उमँड चल मिरे आगे
अदा को तिरी मेरा जी जानता है
अबस घर से अपने निकाले है तू
आज़ुर्दा कुछ हैं शायद वर्ना हुज़ूर मुझ से
आँखों से इसी तरह अगर सैल रवाँ है