गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम
नाम | गोर बचन सिंह दयाल मग़मूम |
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अंग्रेज़ी नाम | Gorbachan Singh Dayal Maghmum |
जन्म की तारीख | 1934 |
तड़प तो आज भी कुछ कम नहीं है
फिर मुझे जीने की दुआ दी है
मिरी आह-ओ-फ़ुग़ाँ कुछ भी नहीं है
जब मिली उन से नज़र मिटने का सामाँ हो गया
गिला क्या करूँ ऐ फ़लक बता मिरे हक़ में जब ये जहाँ नहीं
बहुत वाक़िफ़ हैं लब-ए-आह-ओ-फ़ुग़ाँ से
बात कुछ भी न थी फ़साना हुआ