आँख में आँसू ठहरा है
आँख में आँसू ठहरा है
दिल पर ग़म का पहरा है
इक दिन भर ही जाएगा
घाव जो दिल में गहरा है
मेरी चारों सम्त अभी
रंज-ओ-अलम का सहरा है
ख़ौफ़ कहाँ मेरे दिल में
ये सर्दी का लहरा है
मेरी बात पे क्यूँ चुप है
क्या तू गूँगा बहरा है
(770) Peoples Rate This