क्यूँकर न आस्तीं में छुपा कर पढ़ें नमाज़
क्यूँकर न आस्तीं में छुपा कर पढ़ें नमाज़
हक़ तो है ये अज़ीज़ हैं बुत ही ख़ुदा के बा'द
(711) Peoples Rate This
क्यूँकर न आस्तीं में छुपा कर पढ़ें नमाज़
हक़ तो है ये अज़ीज़ हैं बुत ही ख़ुदा के बा'द
(711) Peoples Rate This