Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c854c0a49e9dee4a1d1ee9dea762d0de, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
रिश्ता-ए-रस्म-ए-मोहब्बत मत तोड़ - ग़ुलाम मौला क़लक़ कविता - Darsaal

रिश्ता-ए-रस्म-ए-मोहब्बत मत तोड़

रिश्ता-ए-रस्म-ए-मोहब्बत मत तोड़

तोड़ कर दिल को क़यामत मत तोड़

काम-ए-नाकामी भी इक काम सही

तोड़ उम्मीद को हिम्मत मत तोड़

रात फ़ुर्क़त की पड़ी है ऐ दिल

एक ही नाले में ताक़त मत तोड़

उस की रहमत को न बे-कार समझ

मय-ओ-मयख़ाने की निय्यत मत तोड़

देख अच्छी नहीं ये ख़र-मस्ती

साग़र-ए-बादा-ए-फ़ुर्सत मत तोड़

ऐ दिल उम्मीद-ए-रिहाई मत बाँध

और आफ़त सर-ए-आफ़त मत तोड़

पूछ मत लज़्ज़त-ए-मय ऐ वाइज़

जानवर दाम-ए-शरीअत मत तोड़

सेहन-ए-मस्जिद को किए जा पामाल

क़ैद-ए-आईन-ए-तरीक़त मत तोड़

मय-कदा देख के जन्नत को न भूल

हिर्स से बंद-ए-क़नाअत मत तोड़

इस का एहसान उठाना है हमें

गर्दन ऐ बार-ए-नदामत मत तोड़

ऐ 'क़लक़' बुत-कदे में बाँध एहराम

हम से लिल्लाह रिफ़ाक़त मत तोड़

(860) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD In Hindi By Famous Poet Ghulam Maula Qalaq. Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD is written by Ghulam Maula Qalaq. Complete Poem Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD in Hindi by Ghulam Maula Qalaq. Download free Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD Poem for Youth in PDF. Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD is a Poem on Inspiration for young students. Share Rishta-e-rasm-e-mohabbat Mat ToD with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.