Ghazals of Ghulam Bhik Nairang
नाम | ग़ुलाम भीक नैरंग |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ghulam Bhik Nairang |
जन्म की तारीख | 1876 |
मौत की तिथि | 1952 |
कविताएं
Ghazal 7
Nazam 1
Couplets 7
Love 12
Sad 6
Heart Broken 8
Hope 4
Friendship 2
Islamic 2
Social 1
ख्वाब 3
फिर वही हम हैं ख़याल-ए-रुख़-ए-ज़ेबा है वही
मिरे पहलू से जो निकले वो मिरी जाँ हो कर
किस तरह वाक़िफ़ हों हाल-ए-आशिक़-ए-जाँ-बाज़ से
कट गई बे-मुद्दआ सारी की सारी ज़िंदगी
कहते हैं ईद है आज अपनी भी ईद होती
कभी सूरत जो मुझे आ के दिखा जाते हो
इक हुजूम-ए-ग़म-ओ-कुलफ़त है ख़ुदा ख़ैर करे