Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_9515bbf40714a125930f62818a009375, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल की मिट्टी चुपके चुपके रोती है - ग़ुफ़रान अमजद कविता - Darsaal

दिल की मिट्टी चुपके चुपके रोती है

दिल की मिट्टी चुपके चुपके रोती है

यार कहीं बरसात ग़मों की होती है

बेचैनी में डूबे जुब्बा और दस्तार

फ़ाक़ा-मस्ती चादर तान के सोती है

प्यार मोहब्बत रिश्ते नाते पीर फ़क़ीर

देख ग़रीबी क्या क्या दौलत खोती है

तेरा चेहरा दिन का दरिया पार करे

रात की सारी हलचल तुझ से होती है

जिस को माझी समझा उस की मल्लाही

साहिल साहिल मेरी नाव डुबोती है

धरती अम्बर नदिया नाले खाई पहाड़

दो मिसरों में क्या क्या रंग समोती है

उस से 'अमजद' बातें करना खेल है क्या

वो तो लहजे की इक सोई चुभोती है

(730) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai In Hindi By Famous Poet Ghufran Amjad. Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai is written by Ghufran Amjad. Complete Poem Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai in Hindi by Ghufran Amjad. Download free Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai Poem for Youth in PDF. Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil Ki MiTTi Chupke Chupke Roti Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.