गंदुम की बालियाँ

भूक से भरी आँखें

आसमान की जानिब

तक रही हैं धरती से

इक हसीन रॉकेट को

जिस के सुर्ख़ परचम पर

बालियाँ हैं गंदुम की

भूक से भरी आँखें

जानती नहीं लेकिन

बालियाँ तो गेहूँ की

ख़ुशनुमा बहाने हैं

चमचमाते ख़ोशों में

ज़हर-नाक दाने हैं

सुर्ख़ सुर्ख़ दानों में

एटमी बलाएँ हैं

जाँ-गुसिल दवाएँ हैं

(1819) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Gandum Ki Baaliyan In Hindi By Famous Poet Ghazanfar. Gandum Ki Baaliyan is written by Ghazanfar. Complete Poem Gandum Ki Baaliyan in Hindi by Ghazanfar. Download free Gandum Ki Baaliyan Poem for Youth in PDF. Gandum Ki Baaliyan is a Poem on Inspiration for young students. Share Gandum Ki Baaliyan with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.