Heart Broken Poetry of Ghazanfar
नाम | ग़ज़नफ़र |
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अंग्रेज़ी नाम | Ghazanfar |
हिजरत
नए आदमी का कंफ़ेशन
महा-भारत
न जाने किस तरह बिस्तर में घुस कर बैठ जाती हैं
पत्थर
ये तमन्ना नहीं कि मर जाएँ
यक़ीन जानिए इस में कोई करामत है
तारीकी में नूर का मंज़र सूरज में शब देखोगे
सामान-ए-ऐश सारा हमें यूँ तू दे गया
सजा के ज़ेहन में कितने ही ख़्वाब सोए थे
किसी के नर्म तख़ातुब पे यूँ लगा मुझ को
ख़ला के दश्त से अब रिश्ता अपना क़त्अ करूँ
कई ऐसे भी रस्ते में हमारे मोड़ आते हैं
अपनी नज़र में भी तो वो अपना नहीं रहा
अजीब शख़्स है पहले मुझे हँसाता है