Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4ece7074583e3aba81bc52aedfd2e119, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
आँख की पुतली में सूरज सर में कुछ सौदा उगा - ग़यास मतीन कविता - Darsaal

आँख की पुतली में सूरज सर में कुछ सौदा उगा

आँख की पुतली में सूरज सर में कुछ सौदा उगा

पानियों में सुर्ख़ पौदे धूप में साया उगा

आसमाँ की भीड़ में तो इस लिए सोचा गया

इस ज़मीं की छातियों से नूर का चश्मा उगा

नींद में चलने की आदत ख़्वाब में लिखने का फ़न

एक जैसी बात है तो आतिश-ए-नग़्मा उगा

मैं ने अपनी दोनों आँखों में उगाए हैं पहाड़

तेरी आँखों में समुंदर था वहाँ सहरा उगा

सब्ज़ा-ए-बेगाना बन कर जी लिया तो क्या जिया

ख़ुद को बो कर इस ज़मीं से इक नया चेहरा उगा

धूप जैसे क़हक़हे हैं रेत जैसी बात है

तू अगर ग़व्वास है तो रेत में दरिया उगा

ये ज़मीं बूढ़ी है उस को पीठ से अपनी उतार

आसमाँ को जेब में रख ले नई दुनिया का उगा

हम तो ख़ुद इज़हार हैं अपने ज़माने का 'मतीन'

बुझ गए आवाज़ के शो'ले नया लहजा उगा

(640) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga In Hindi By Famous Poet Ghayas Mateen. Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga is written by Ghayas Mateen. Complete Poem Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga in Hindi by Ghayas Mateen. Download free Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga Poem for Youth in PDF. Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga is a Poem on Inspiration for young students. Share Aankh Ki Putli Mein Suraj Sar Mein Kuchh Sauda Uga with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.