Ghazals of Ghayas Mateen
नाम | ग़यास मतीन |
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अंग्रेज़ी नाम | Ghayas Mateen |
ज़मीं के साथ फ़लक के सफ़र में हम भी हैं
सूरज को क्या पता है किधर धूप चाहिए
ख़्वाब आँखों की गली छोड़ के जाने निकले
जज़ीरे हों कि वो सहरा हों ख़्वाब होना है
धूप का एहसास जाने क्यूँ उसे होता नहीं
आँख की पुतली में सूरज सर में कुछ सौदा उगा