Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4b07bae6e16182ee6d9e0f394c2ac5ac, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अभी देखी कहाँ हैं आप ने सब ख़ूबियाँ मेरी - ग़ौसिया ख़ान सबीन कविता - Darsaal

अभी देखी कहाँ हैं आप ने सब ख़ूबियाँ मेरी

अभी देखी कहाँ हैं आप ने सब ख़ूबियाँ मेरी

निगाहें ढूँढती हैं आप की बस ख़ामियाँ मेरी

मिरा किरदार दुनियाँ में शहादत से मुनव्वर है

नज़र आएँ फ़लक पर सब को रौशन सुर्ख़ियाँ मेरी

वहाँ बरसों तलक फूलों की खेती होती रहती है

बरस जाती हैं जिन ख़ित्तों पे जा कर बदलियाँ मेरी

मैं हर नेकी को अपने दुश्मनों में बाँट देती हूँ

समर-आवर रहा करती हैं इस से नेकियाँ मेरी

ज़माना चाहे जो समझे अना के साथ ज़िंदा हूँ

तुम्हें भी जीत लेगी एक दिन ये ख़ूबियाँ मेरी

किसी भी मा'रके पर अब तलक हारी नहीं हूँ मैं

मिरा ज़ेवर रहा है दोस्तों ख़ुद्दारियाँ मेरी

जिसे तुम राख समझे हो अभी तक आग है उस में

कुरेदो मत जला देगी तुम्हें चिंगारियाँ मेरी

'सबीन' अक्सर मैं दस्तरख़्वाँ से उठ जाती हूँ बिन खाए

किसी भूके के काम आ जाएँ शायद रोटियाँ मेरी

(829) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri In Hindi By Famous Poet Ghausiya Khan Sabeen. Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri is written by Ghausiya Khan Sabeen. Complete Poem Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri in Hindi by Ghausiya Khan Sabeen. Download free Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri Poem for Youth in PDF. Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri is a Poem on Inspiration for young students. Share Abhi Dekhi Kahan Hain Aapne Sab KHubiyan Meri with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.