आँधी में भी चराग़ मगन है सबा के साथ

आँधी में भी चराग़ मगन है सबा के साथ

लगता हे साज़-बाज़ हुई है हवा के साथ

लब पर ख़ुदा का नाम हो दिल में वतन का दर्द

निकले बदन से रूह मिरी इस अदा के साथ

उन को बहुत ग़ुरूर था अपनी जफ़ाओं पर

हम भी वहीं अड़े रहे अपनी वफ़ा के साथ

नज़रें झुका के सामने मेरे खड़ा है वो

शर्मिंदगी की अपने बदन पर क़बा के साथ

हर शख़्स रश्क करता है फिर ऐसी ज़ात पर

मर कर भी जिस के रब्त हो क़ाएम ख़ुदा के साथ

आग़ाज़ भी उसी की ज़ियारत के साथ हो

हो भी सफ़र तमाम तो माँ की दुआ के साथ

एहसान था या हुक्म की तामील थी 'सबीन'

हम बी क़दम क़दम चले उस की रज़ा के साथ

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Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath In Hindi By Famous Poet Ghausiya Khan Sabeen. Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath is written by Ghausiya Khan Sabeen. Complete Poem Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath in Hindi by Ghausiya Khan Sabeen. Download free Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath Poem for Youth in PDF. Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath is a Poem on Inspiration for young students. Share Aandhi Mein Bhi Charagh Magan Hai Saba Ke Sath with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.