Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_33p3kj683a677fn8el17akpal3, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जुनूँ में देर से ख़ुद को पुकारता हूँ मैं - ग़नी एजाज़ कविता - Darsaal

जुनूँ में देर से ख़ुद को पुकारता हूँ मैं

जुनूँ में देर से ख़ुद को पुकारता हूँ मैं

जो ग़म है दामन-ए-सहरा में वो सदा हूँ मैं

बदल गया है ज़माना बदल गया हूँ मैं

अब अपनी सम्त भी हैरत से देखता हूँ मैं

हयात एक सज़ा है भगत रहा हूँ मैं

दर-ए-क़ुबूल से लौटी हुई दुआ हूँ मैं

जिसे ख़ुद आप ही अपने पे प्यार आ जाए

जफ़ा के दौर में वो लग़्ज़िश-ए-वफ़ा हूँ मैं

जमाल-ए-यार की रानाइयाँ मआज़-अल्लाह

निगाह बन के नज़ारों में खो गया हूँ मैं

बस एक जुम्बिश-ए-लब तक वजूद है जिस का

ज़बान-ए-शौक़ पे वो हर्फ़-ए-मुद्दआ' हूँ मैं

अगर है जुर्म मोहब्बत तो फिर तकल्लुफ़ क्या

मदार-ए-जुर्म हूँ तक़्सीर हूँ ख़ता हूँ मैं

रफ़ाक़तों के ये फ़ानूस ता-ब-कै 'एजाज़'

हवा की ज़द पे लरज़ता हुआ दिया हूँ मैं

(824) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main In Hindi By Famous Poet Ghani Ejaz. Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main is written by Ghani Ejaz. Complete Poem Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main in Hindi by Ghani Ejaz. Download free Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main Poem for Youth in PDF. Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main is a Poem on Inspiration for young students. Share Junun Mein Der Se KHud Ko Pukarta Hun Main with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.