Ghazals of Ghani Ejaz
नाम | ग़नी एजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Ghani Ejaz |
तुम्हें ख़बर भी है ये तुम ने किस से क्या माँगा
तीर जैसे कमान से निकला
थकन ग़ालिब है दम टूटे हुए हैं
कोई हमराह नहीं राह की मुश्किल के सिवा
ख़्वाहिशें अपनी सराबों में न रक्खे कोई
जुनूँ में देर से ख़ुद को पुकारता हूँ मैं
बिजली की ज़द में एक मिरा आशियाँ नहीं
बेवफ़ा के वा'दे पर ए'तिबार करते हैं
बज़्म-ए-आलम में सदा हम भी नहीं तुम भी नहीं
अंदाज़-ए-फ़िक्र अहल-ए-जहाँ का जुदा रहा
आप अपने को मो'तबर कर लें
आदमी की हयात मुट्ठी भर