Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_h44mi71lnnss31qmj8jnsoiac4, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उस के कूचे में गया मैं सो फिर आया न गया - ग़मगीन देहलवी कविता - Darsaal

उस के कूचे में गया मैं सो फिर आया न गया

उस के कूचे में गया मैं सो फिर आया न गया

मैं वहाँ आप को ढूँडा तो मैं पाया न गया

गुम हुआ दिल मिरे पहलू से कि पाया न गया

शायद उस कूचे में जा उस से फिर आया न गया

दम-ब-ख़ुद हो के मुआ उस की नज़ाकत के सबब

आह-ओ-नाला भी मुझे उस को सुनाया न गया

उस ने इक रोज़ में सौ बार रुलाया मुझ को

मुझ से पर उस बुत-ए-ख़ुश-ख़ू को मनाया न गया

बाद इक उम्र के क्या तुझ से कहूँ ऐ 'ग़मगीं'

हाल-ए-दिल उस ने जो पूछा तो सुनाया न गया

(740) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya In Hindi By Famous Poet Ghamgeen Dehlvi. Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya is written by Ghamgeen Dehlvi. Complete Poem Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya in Hindi by Ghamgeen Dehlvi. Download free Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya Poem for Youth in PDF. Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya is a Poem on Inspiration for young students. Share Uske Kuche Mein Gaya Main So Phir Aaya Na Gaya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.