मैं कैसे भूलूँ वो रातें

मैं कैसे भूलूँ वो रातें

एक रस्ता चाँद बनाता था जो ख़्वाबों तक ले जाता था

हम घंटों करते थे बातें

मैं कैसे भूलूँ वो रातें

नन्हे तारों के साथ कभी जब आँख-मिचौली करते थे

कुछ हँसते थे कुछ चिढ़ते थे कुछ बातें भोली करते थे

देखीं थीं हम ने साथ कई नन्हे तारों की बारातें

मैं कैसे भूलूँ वो रातें

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