किराया-दार

अरे आओ

बे-फ़िक्र हो के आओ

मेरी ज़िंदगी में

घबराओ नहीं

कोई टूट-फूट नहीं होगी तुम से

आओ तो

दर-अस्ल यहाँ कुछ बाक़ी ही नहीं टूटने को

हाँ कुछ पुराने ख़्वाबों की किर्चें हैं

तुम्हारे आने तक साफ़ हो जाएँगी

उस के बा'द जो होगा सब तुम्हारा ही होगा

जाते वक़्त जो कुछ सलामत बचे

ले जाना

ख़्वाबों की किर्चें गर रह गईं तुम्हारे बा'द तो समेट के रख देना मेरे होंठों पे

मुस्कुराहटों में बाँध के

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Kiraya-dar In Hindi By Famous Poet Geetanjali Rai. Kiraya-dar is written by Geetanjali Rai. Complete Poem Kiraya-dar in Hindi by Geetanjali Rai. Download free Kiraya-dar Poem for Youth in PDF. Kiraya-dar is a Poem on Inspiration for young students. Share Kiraya-dar with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.