Ghazals of Gautam Rajrishi
नाम | गौतम राजऋषि |
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अंग्रेज़ी नाम | Gautam Rajrishi |
देख कर वहशत निगाहों की ज़बाँ बेचैन है
ज़िंदगी से उम्र-भर तक चलने का वादा किया
वो टुकड़ा रात का बिखरा हुआ सा
लम्हा गुज़र गया है कि अर्सा गुज़र गया
कि इस से पहले ख़िज़ाँ का शिकार हो जाऊँ
इस बात को वैसे तो छुपाया न गया है
हवा जब किसी की कहानी कहे है