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गणेश बिहारी तर्ज़ Qita In Hindi - Best गणेश बिहारी तर्ज़ Qita Shayari & Poems - Darsaal

Qitas of Ganesh Bihari Tarz

Qitas of Ganesh Bihari Tarz
नामगणेश बिहारी तर्ज़
अंग्रेज़ी नामGanesh Bihari Tarz
जन्म की तारीख1932
मौत की तिथि2008
जन्म स्थानLucknow

उन को सज्दा कर लिया महबूब की तस्वीर जान

तल्ख़ियों में समा के पीता हूँ

समेट लो ज़रा आँचल कि रौशनी फैले

पूछा कैसे? तो हँस के फ़रमाया

नक़्श तीखे बाँकी चितवन दाँत मोती की क़तार

मय-कशी का शबाब बाक़ी है

लम्हा लम्हा मौत को भी ज़िंदगी समझा हूँ मैं

क्या ज़िद है कि बरसात भी हो और नहीं भी हो

किस लिए अब हयात बाक़ी है

खो के ख़ुद उन को पा के पीता हूँ

ख़ादिम-ए-उर्दू-ज़बाँ हूँ शाएरी मकतब मिरा

जिस्म-ए-शफ़्फ़ाफ़ में शोला सा रवाँ हो जैसे

हल्क़ा-ए-मय से किसी को भी निकलने न दिया

ग़म की तारीक फ़ज़ाओं से निकलने न दिया

अजनबी बन के हँसा करती है

अब क्या बताएँ क्या था समाँ पैरहन के बीच

आसरा जब भी कोई टूटे है

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