निभेगी किस तरह दिल सोचता है

निभेगी किस तरह दिल सोचता है

अजब लड़की है जब देखो ख़फ़ा है

ब-ज़ाहिर है उसे भी प्यार वैसे

दिलों के भेद से वाक़िफ़ ख़ुदा है

ये तन्हाई का काला सर्द पत्थर

इसी से उम्र-भर सर फोड़ना है

मगर इक बात दोनों जानते हैं

न कुछ उस ने न कुछ हम ने कहा है

नहीं मुमकिन अगर साथ उम्र-भर का

ये पल-दो-पल का मिलना क्या बुरा है

घने जंगल में जैसे शाम उतरे

कोई यूँ 'जाफ़री' याद आ रहा है

(737) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai In Hindi By Famous Poet Fuzail Jafri. Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai is written by Fuzail Jafri. Complete Poem Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai in Hindi by Fuzail Jafri. Download free Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai Poem for Youth in PDF. Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Nibhegi Kis Tarah Dil Sochta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.