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फ़ुज़ैल जाफ़री Couplets In Hindi - Best फ़ुज़ैल जाफ़री Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Fuzail Jafri

Coupletss of Fuzail Jafri
नामफ़ुज़ैल जाफ़री
अंग्रेज़ी नामFuzail Jafri
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानMumbai

ज़िद में दुनिया की बहर-हाल मिला करते थे

ज़हर मीठा हो तो पीने में मज़ा आता है

ये सच है हम को भी खोने पड़े कुछ ख़्वाब कुछ रिश्ते

तिरी बदन में मेरे ख़्वाब मुस्कुराते हैं

तअल्लुक़ात का तन्क़ीद से है याराना

मिज़ाज अलग सही हम दोनों क्यूँ अलग हों कि हैं

मंज़िलें सम्तें बदलती जा रही हैं रोज़ ओ शब

मैं और मिरी ज़ात अगर एक ही शय हैं

कोई मंज़िल आख़िरी मंज़िल नहीं होती 'फ़ुज़ैल'

किस दर्द से रौशन है सियह-ख़ाना-ए-हस्ती

जो भर भी जाएँ दिल के ज़ख़्म दिल वैसा नहीं रहता

हर आदमी में थे दो चार आदमी पिन्हाँ

घर से बाहर नहीं निकला जाता

इक ख़ौफ़ सा दरख़्तों पे तारी था रात-भर

एहसास-ए-जुर्म जान का दुश्मन है 'जाफ़री'

दिल यूँ तो गाह गाह सुलगता है आज भी

दश्त-ए-तन्हाई में जीने का सलीक़ा सीखिए

चमकते चाँद से चेहरों के मंज़र से निकल आए

बोसे बीवी के हँसी बच्चों की आँखें माँ की

भूले-बिसरे हुए ग़म फिर उभर आते हैं कई

अख़्लाक़ ओ शराफ़त का अंधेरा है वो घर में

आतिश-फ़िशाँ ज़बाँ ही नहीं थी बदन भी था

आठों पहर लहू में नहाया करे कोई

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