Islamic Poetry of Figar Unnavi
नाम | फ़िगार उन्नावी |
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अंग्रेज़ी नाम | Figar Unnavi |
कविताएं
Ghazal 16
Couplets 33
Love 22
Sad 21
Heart Broken 16
Bewafa 1
Hope 15
Friendship 3
Islamic 7
Sufi 1
ख्वाब 4
Sharab 13
मेरी जबीन-ए-शौक़ ने सज्दे जहाँ किए
तुम हरीम-ए-नाज़ में बैठे हो बेगाने बने
तूफ़ाँ से बच के दामन-ए-साहिल में रह गया
सई-ए-ग़ैर-हासिल को मुद्दआ नहीं मिलता
किसी अपने से होती है न बेगाने से होती है
जुरअत-ए-इश्क़ हवस-कार हुई जाती है
चला हूँ अपनी मंज़िल की तरफ़ तो शादमाँ हो कर