Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_ad6861d9f82943268258c1c081312eda, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
आरज़ू हसरत-ए-नाकाम से आगे न बढ़ी - फ़िगार उन्नावी कविता - Darsaal

आरज़ू हसरत-ए-नाकाम से आगे न बढ़ी

आरज़ू हसरत-ए-नाकाम से आगे न बढ़ी

फ़िक्र अंदेशा-ए-अंजाम से आगे न बढ़ी

सू-ए-मंज़िल कभी दो गाम से आगे न बढ़ी

ज़िंदगी मौत के इल्ज़ाम से आगे न बढ़ी

ज़ुल्फ़-ओ-रुख़ के सहर-ओ-शाम से आगे न बढ़ी

आशिक़ी रहगुज़र-ए-आम से आगे न बढ़ी

रह गई रिफ़अत-ए-परवाज़ की हसरत दिल में

पर-फ़िशानी क़फ़स-ओ-दाम से आगे न बढ़ी

मंज़िल-ए-बे-ख़ुदी-ए-शौक़ की अज़्मत मालूम

तिश्ना-कामों की नज़र जाम से आगे न बढ़ी

कितनी शामें गईं और कितने सवेरे आए

निगह-ए-मुंतज़िर इक शाम से आगे न बढ़ी

पाकी-ए-नफ़्स की अज़्मत का तो क्या ज़िक्र 'फ़िगार'

ज़ोहद की बात भी एहराम से आगे न बढ़ी

(837) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi In Hindi By Famous Poet Figar Unnavi. Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi is written by Figar Unnavi. Complete Poem Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi in Hindi by Figar Unnavi. Download free Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi Poem for Youth in PDF. Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi is a Poem on Inspiration for young students. Share Aarzu Hasrat-e-nakaam Se Aage Na BaDhi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.