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फ़िगार उन्नावी Ghazal In Hindi - Best फ़िगार उन्नावी Ghazal Shayari & Poems - Darsaal

Ghazals of Figar Unnavi

Ghazals of Figar Unnavi
नामफ़िगार उन्नावी
अंग्रेज़ी नामFigar Unnavi

तुम हरीम-ए-नाज़ में बैठे हो बेगाने बने

तूफ़ाँ से बच के दामन-ए-साहिल में रह गया

शोहरत-ए-तर्ज़-ए-फ़ुग़ाँ आम हुई जाती है

सई-ए-ग़ैर-हासिल को मुद्दआ नहीं मिलता

लब पे झूटे तराने होते हैं

कुछ काम तो आया दिल-ए-नाकाम हमारा

किसी अपने से होती है न बेगाने से होती है

जुरअत-ए-इश्क़ हवस-कार हुई जाती है

जफ़ा-ए-यार को हम लुत्फ़-ए-यार कहते हैं

हस्ती इक नक़्श-ए-इनइकासी है

हासिल-ए-ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ नाकाम है

हदीस-ए-सोज़-ओ-साज़-ए-शम्-ओ-परवाना नहीं कहते

ग़म-ए-जानाँ से रंगीं और कोई ग़म नहीं होता

चमन अपने रंग में मस्त है कोई ग़म-गुसार-ए-दिगर नहीं

चला हूँ अपनी मंज़िल की तरफ़ तो शादमाँ हो कर

आरज़ू हसरत-ए-नाकाम से आगे न बढ़ी

फ़िगार उन्नावी Ghazal in Hindi - Read famous फ़िगार उन्नावी Shayari, Ghazal, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet फ़िगार उन्नावी. Free Download Best Ghazal, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet फ़िगार उन्नावी. फ़िगार उन्नावी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.