Love Poetry of Fazil Jamili
नाम | फ़ाज़िल जमीली |
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अंग्रेज़ी नाम | Fazil Jamili |
जन्म की तारीख | 1968 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़िंदगी हो तो कई काम निकल आते हैं
तुम कभी एक नज़र मेरी तरफ़ भी देखो
सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है
सब अपने अपने दियों के असीर पाए गए
मिरे लिए न रुक सके तो क्या हुआ
मैं अपने आप से आगे निकलने वाला था
इस कॉकटेल का तो नशा ही कुछ और है
सरहदें
दरख़्तों के लिए
शौक़ीन मिज़ाजों के रंगीन तबीअ'त के
सफ़ेद-पोशी-ए-दिल का भरम भी रखना है
मुझे उदास कर गए हो ख़ुश रहो
मिसाल-ए-शम्अ जला हूँ धुआँ सा बिखरा हूँ
मिलने का भी आख़िर कोई इम्कान बनाते
मेरे होंटों पे तेरे नाम की लर्ज़िश तो नहीं
मैं जिस जगह हूँ वहाँ बूद-ओ-बाश किस की है
ख़्वाब में देख रहा हूँ कि हक़ीक़त में उसे
ख़ुमार-ए-शब में तिरा नाम लब पे आया क्यूँ
ख़िज़ाँ का रंग दरख़्तों पे आ के बैठ गया
कहीं से नीले कहीं से काले पड़े हुए हैं
हम ने किसी की याद में अक्सर शराब पी
गुज़रती है जो दिल पर वो कहानी याद रखता हूँ
दास्तानों में मिले थे दास्ताँ रह जाएँगे
अब तो अश्कों की रवानी में न रक्खी जाए