मुझे उदास कर गए हो ख़ुश रहो

मुझे उदास कर गए हो ख़ुश रहो

मिरे मिज़ाज पर गए हो ख़ुश रहो

मिरे लिए न रुक सके तो क्या हुआ

जहाँ कहीं ठहर गए हो ख़ुश रहो

ख़ुशी हुई है आज तुम को देख कर

बहुत निखर सँवर गए हो ख़ुश रहो

उदास हो किसी की बेवफ़ाई पर

वफ़ा कहीं तो कर गए हो ख़ुश रहो

गली में और लोग भी थे आश्ना

हमें सलाम कर गए हो ख़ुश रहो

तुम्हें तो मेरी दोस्ती पे नाज़ था

इसी से अब मुकर गए हो ख़ुश रहो

किसी की ज़िंदगी बनो कि बंदगी

मिरे लिए तो मर गए हो ख़ुश रहो

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Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho In Hindi By Famous Poet Fazil Jamili. Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho is written by Fazil Jamili. Complete Poem Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho in Hindi by Fazil Jamili. Download free Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho Poem for Youth in PDF. Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho is a Poem on Inspiration for young students. Share Mujhe Udas Kar Gae Ho KHush Raho with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.