Love Poetry of Fazil Ansari
नाम | फ़ाज़िल अंसारी |
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अंग्रेज़ी नाम | Fazil Ansari |
ये दौर कैसा है या-इलाही कि दोस्त दुश्मन से कम नहीं है
वो बर्क़ का हो कि मौजों के पेच-ओ-ताब का रंग
तोहफ़ा-ए-ग़म भी मिला दर्द की सौग़ात के बा'द
न सनम-कदों की है जुस्तुजू न ख़ुदा के घर की तलाश है
मिरे ज़ख़्म-ए-जिगर को ज़ख़्म-ए-दामन-दार होना था
कोहसारों में नहीं है कि बयाबाँ में नहीं
हुई दिल टूटने पर इस तरह दिल से फ़ुग़ाँ पैदा
गुलज़ार में एक फूल भी ख़ंदाँ तो नहीं है
चमक सितारों की नज़रों पे बार गुज़री है
बता ऐ ज़िंदगी तेरे परस्तारों ने क्या पाया
बशर की ज़ात में शर के सिवा कुछ और नहीं
अश्क आया आँख में जलता हुआ
ऐ कहकशाँ गुज़र के तिरी रहगुज़र से हम
अदीब था न मैं कोई बड़ा सहाफ़ी था