Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4d2586122af92c9078042105c5453c3d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कहानी हो कोई भी तेरा क़िस्सा हो ही जाती है - फ़य्याज़ फ़ारुक़ी कविता - Darsaal

कहानी हो कोई भी तेरा क़िस्सा हो ही जाती है

कहानी हो कोई भी तेरा क़िस्सा हो ही जाती है

कोई तस्वीर देखूँ तेरा चेहरा हो ही जाती है

तिरी यादों की लहरें घेर लेती हैं ये दिल मेरा

ज़मीं घिर कर समुंदर में जज़ीरा हो ही जाती है

गई शब चाँद जैसा जब चमकता है ख़याल उस का

तमन्ना मेरी इक छोटा सा बच्चा हो ही जाती है

सजा है ताज मेरे सर पे लेकिन ये नज़र मेरी

जो उस की सम्त जाती है तो कासा हो ही जाती है

जतन करता हूँ कितने रोक लूँ सैलाब आँखों में

मगर तामीर मेरी ये शिकस्ता हो ही जाती है

ये सोचा है कि तुझ को सोचना अब छोड़ दूँगा मैं

ये लग़्ज़िश मुझ से लेकिन बे-इरादा हो ही जाती है

जो है 'फ़य्याज़' उस को देख कर मबहूत हैरत क्या

तड़पती है जो बिजली आँख ख़ीरा हो ही जाती है

(877) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai In Hindi By Famous Poet Fayyaz Farooqi. Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai is written by Fayyaz Farooqi. Complete Poem Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai in Hindi by Fayyaz Farooqi. Download free Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai Poem for Youth in PDF. Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Kahani Ho Koi Bhi Tera Qissa Ho Hi Jati Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.