Love Poetry of Fay Seen Ejaz
नाम | फ़े सीन एजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Fay Seen Ejaz |
जन्म स्थान | Delhi |
इश्क़ किया तो अपनी ही नादानी थी
ये दिल माँगे मोर
याद
ख़िज़ाँ में चीनी चाय की दावत
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उस की हर बात ने जादू सा किया था पहले
उम्र भर एक सी उलझन तो नहीं बन सकते
मिरे घर की ईंटें चुरा ले गया वो
कोई आँख चुपके चुपके मुझे यूँ निहारती है
ख़र्च जब हो गई जज़्बों की रक़म आप ही आप
इश्क़ झेला है तो चेहरा ज़र्द होना चाहिए
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
बग़ैर नक़्शे के सारे मकान लगते हैं
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे
आइने रूप चुरा लेंगे उधर मत देखो