Hope Poetry of Fay Seen Ejaz
नाम | फ़े सीन एजाज़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Fay Seen Ejaz |
जन्म स्थान | Delhi |
वाईपर
अलमिया-ए-नक़्द
मिरे घर की ईंटें चुरा ले गया वो
कोई आँख चुपके चुपके मुझे यूँ निहारती है
घर की मुश्किल कोई हल चाहती है
ग़म दुनिया के याद जब आएँ उस की याद भी आने दो
दिया जला के कोई चाँद पर रखा होगा
अच्छी-ख़ासी रुस्वाई का सबब होती है
आँख और नींद के रिश्ते मुझे वापस कर दे